सास बहू के रिश्ते में प्यार तो भरपूर होता है मेरी नजर से देखें तो दोनों का रिश्ता दोस्त जैसा होना चाहिए और अगर दिल से माने तो सगी मां-बेटी जैसा। रिश्ते में प्यार, मान-सम्मान और आदर हो तो ये रिश्ता और भी खूबसूरत होजायेगा।अगर दोनों ही अपनी-अपनी तरफ से आदर, मान-सम्मान और रिश्ते की गरिमा को बरकरार रखें तो कभी भी रिश्ते में कड़वाहट नहीं आएगी। अगर देखा जाए तो सास घर की बड़ी और घर की मुखिया होती हैं। अगर सास से किसी विषय पर विचार करें और उनके फैसले पर निर्भर रहें तो उनकी मर्यादा और मान को ठेस नहीं पहुंचेगी। पर आजकल की लाइफ स्टाइल में ऐसे रिश्ते बहुत कम ही मिलते हैं हर सास बहू के रिश्ते में मनमुटाव नोकझोंक उतार-चढ़ाव होता ही रहता है। छोटी-छोटी बातों के लिए कहासुनी भी होती रहती है जिससे घर की शांति भंग होती है।
आइए इस पेज पर हम कुछ टिप्स बताएंगे जिसे आजमाकर सास बहू के रिश्ते में मिठास घोल सकते हैं।
डेली रूटीन में बदलाव लाएं
शादी से पहले सास बहू दोनों की रूटीन अलग-अलग होती है पर शादी के बाद आपको थोड़े बदलाव लाने की जरूरत है अगर आप मायके में देर से जगती थीं तो ससुराल में आप थोड़ा सुबह जल्दी उठें। पूजा के बाद सबके लिए चाय-नाश्ता बनाएं। अपनी सास की जरूरतों का खास खयाल रखें उनसे पूछे कि वो नाश्ते में क्या खाएंगी। उनकी दवाओं का ख्याल रखें। एक बार दोनों के रिश्ते में बॉन्डिंग होगई न तो फिर आपको अपनी माँ कमी नहीं खलेगी। वहीं सास को भी अपने रूटीन में थोड़ा बदलाव लाना है। लेट नाश्ता मिलने पर गुस्सा ना करें। वो कहते हैं ना सास भी कभी बहु थी,सोचें कभी आप भी बहु बनकर आइ थीं आपको भी सबकुछ समझने और सँभालने में समय लगा था।
दोनों को एक दूसरे की पसंद नापसंद का ख्याल
शादी के बाद बहू को घर में लाएं तो उसके ऊपर अपनी पसंद का बोझ ना डालें बल्कि बहू को थोड़ा टाइम दें वह सास की पसंद नापसंद को जान सके समझ सके इसी बीच दोनों ही एक दूसरे की पसंद को साझा करें ना कि अपनी-अपनी पसंद एक दूसरे पर थोपना शुरू कर दें जिससे सास बहू दोनों को दोनों की पसंद चुभने लगे जिससे रिश्ते में तनाव शुरू हो जाए। सास बहू दोनों को दोनों की पसंद-नापसंद के बारे में सोचना चाहिए एक दूसरे की पसंद को साझा चाहिए वरना रिश्ते में मनमुटाव और दरार आने लगती हैं।
अधिकार को प्यार से साझा करें
शादी के बाद सास बहू दोनों को मिलकर रहना चाहिए अपने अपने अधिकार को प्यार से दूसरे के साथ साझा करें। वहीं बहू अगर अधिकार पाने के लिए घर में कलेश करे घर की शांति भंग करे और सास, बहू को हर अधिकार से वंचित करें ऐसी स्थिति में सास बहू दोनों में लड़ाई होने लगती है। पर सास बहू को ऐसा नहीं करना चाहिए हर अधिकार को प्यार से आपस में साझा करें।
दोनों ही एक दूसरे की बातों का मान रखें
शादी के बाद सास, बहू को भी यह अधिकार दे कि घर के महत्वपूर्ण फैसले में अपनी बहू की भी राय ले बहू से विचार करे क्योंकि घर के किसी भी फैसले में बहू सास दोनों को अपनी बात बोलने का सामान हक है अगर एक दूसरे की साझेदारी से घर के फैसले लिए जाएं तो सास बहू के रिश्ते में कभी अनबन नहीं होगी एक दूसरे की बात का मान भी रह जाएगा।