1 से 2 साल की उम्र में बच्चा तेजी से सीखता और बदलता है। यही वह समय है जब उसकी बोलने की कोशिश, चलना, और आसपास की चीज़ों को समझने की क्षमता बढ़ती है। इस उम्र में सही देखभाल न सिर्फ उसके शारीरिक विकास के लिए जरूरी है बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए भी अहम है।
1. हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट दें
इस उम्र में बच्चा दूध के साथ-साथ ठोस खाना भी खाने लगता है।
दिन में 3 main meals और 2 healthy snacks दें।
Seasonal fruits, दाल, सब्ज़ी, अंडा, दही शामिल करें।
जंक फूड और ज्यादा चीनी से बचाएँ।
2. पानी पिलाने की आदत डालें
गर्मियों में बच्चे को पर्याप्त पानी दें।
बोतल से ज़्यादा कप या ग्लास से पिलाना शुरू करें।
ज्यादा मीठे जूस से बचें।
3. नींद का सही रूटीन बनाएं
1 से 2 साल के बच्चे को रोज़ाना 11–14 घंटे की नींद चाहिए।
दिन में 1–2 बार नैप्स लें।
रात को सोने का एक फिक्स टाइम रखें।
4. सुरक्षित वातावरण (Baby-proofing) तैयार करें
नुकीली और भारी चीज़ें बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
बिजली के बोर्ड पर कवर लगाएँ।
सीढ़ियों और खिड़कियों पर सेफ्टी गेट लगाएँ।
5. खेल के जरिए सीखने का मौका दें
रंगीन ब्लॉक्स, पज़ल्स और किताबें दें।
बाहर खेलने का समय भी दें जिससे बच्चे की इम्युनिटी और मोटर स्किल्स बेहतर हों।
6. बोलने और सुनने की क्षमता बढ़ाएँ
रोज़ बच्चे से बातें करें, गाने गाएँ, और कहानियाँ सुनाएँ।
बच्चे के शब्दों को रिपीट करके सही उच्चारण सिखाएँ।
7. स्क्रीन टाइम से बचाएँ
इस उम्र में टीवी और मोबाइल स्क्रीन को कम से कम रखें।
ज्यादा स्क्रीन टाइम से आंखों और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
8. हेल्थ चेकअप और टीकाकरण पूरा कराएं
पेडियाट्रिशियन की सलाह के अनुसार सभी वैक्सीन समय पर लगवाएँ।
बच्चे के वजन और लंबाई का ट्रैक रखें।
9. खुद खाने की आदत डालें
बच्चे को खुद खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
थोड़ा गंदगी होगी, लेकिन इससे उसकी self-feeding skills बढ़ेंगी।
10. प्यार और धैर्य रखें
इस उम्र में बच्चे जिद्दी और चिड़चिड़े हो सकते हैं।
गुस्सा करने के बजाय calmly समझाएँ और positive reinforcement दें।
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निष्कर्ष
1 से 2 साल का समय बच्चे के जीवन का golden phase है। जितना प्यार, देखभाल और सही गाइडेंस आप इस उम्र में देंगे, उतनी ही मजबूत उसकी नींव बनेगी। एक खुशहाल और स्वस्थ बच्चा वही है, जो अपने माता-पिता के समय और प्यार से भरपूर बड़ा हो।